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Pankaj udhas famous gajal| biography in hindi pankaj udhas । सिंगर पंकज उदास की जीवनी।

 Pankaj udhas famous gajal| biography in hindi pankaj udhas । सिंगर पंकज उदास की जीवनी।


Singer Pankaj Udhas 


ओ परदेश को जाने वाले लौट के फिर ना आने वाले सात समंदर पार गया तू 
हमको जिंदा मार गया तू खून के रिश्ते तोड़ गया तू 
आंखों में आंसू छोड़ गया तू 
कम खाते हैं, कम सोते हैं
 बहुत ही ज्यादा हम रोते हैं,
 चिट्ठी आई है चिट्ठी आई है, बड़े दिनों के बाद चिट्ठी आई...

 इस गजल को जिस किसी ने सुना उसकी आंखें दबदबाई जरूर होंगी,
 लेकिन इसे गाने वाली आवाज अब हमेशा के लिए खामोश हो गई है।

 पंकज उदास साहब हमारे बीच में नहीं रहे 72 साल की उम्र में अंतिम सांसें ली


 और लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया।
 साल 2006 में पद्मश्री अवार्ड से भी नवाजा गया था।
 और उनके परिवार की तरफ से यह जानकारी दी गई है, 
कि आपको बताते हुए बहुत तकलीफ दुख हो रहा है, कि पंकज जी हमारे बीच में ने रहे ।

हमें लगा पंकज जी की कहानी हम आपको सुनाएं एक छोटा सा ट्रिब्यूट उनको हमने उनके बारे में आपको बताएं उनकी बेटी की तरफ से यह पोस्ट डाली गई है।

 उनकी दो बेटियां हैं नायाब और रेवा उन्होंने इंटर रिलीजन मैरिज की थी।
 लेकिन पंकज जी की कहानी भी उन्हीं की तरह है, और मुझे लगा कि आज हमारी तरफ से एक छोटा सा ट्रिब्यूट हम देते हैं।

 क्योंकि जो लोग गजल सुनते हैं, उनको पता है कि पंकज उदास साहब की क्या अहमियत रही है बहुत सारे गाने हैं

 ना कजरे की धार, 
  • बहुत प्यार करते हैं, 
  • तुमको सनम
  • बहुत प्यार करते हैं, 
  • तुमको सनम


 पंकज उदास साहब जो हैं वो गुजरात के मूलता रहने वाले थे

 एक तो उनके नाम को लेकर बड़ी कंफ्यूजन होती है।
 बहुत सारे लोग उन्हें पंकज उदास कहते हैं जबकि वह उदास नहीं है वह पंकज उधास हुआ करते थे। यूडी एच एएस उदास तो पंकज उदास नहीं हो

 17 मई साल 1951 को उनका जन्म गुजरात के जेतपुर में हुआ था। तीन भाई थे।  और सबसे छोटे थे।
 राजकोट के पास उनका घर था ।और चरखा की नाम का एक कस्बा था। वहीं पर उनके दादाजी जमीदार थे
 और वहा भाव नगर के दीवान हुआ करते थे
 क्योंकि फैमिली बड़ी मजबूत थी।
 लिहाजा गायकी को लेकर किसी का कोई मन नहीं था लेकिन उनकी मॉम जो थी, उनको इंटरेस्ट थोड़ा सा था। और वहीं से इनका रुझान जो है वो गायकी की तरह चला गया
 हालांकि इतना आसान नहीं था, कहा जाता है कि लता मंगेशकर जी ने जब चीन युद्ध के बाद वह गाना गाया था

 ऐ मेरे वतन के लोगों उसने पूरे देश को गमगीन कर दिया था।

 और देश को एकजुट करने के लिए वो गाना बनाया गया था। 

जरा याद करो कुर्बानी जो शहीद हुए उस गाने को सुनकर इन्हें लगा कि शायद गायकी इनके लिए बनी है। और फिर इन्होंने गाना शुरू कर दिया । स्कूल में  काफी बेहतर सिंगर थे तो असेंबली के हेड बना दिए गए थे। और वहां पर गाते थे बाद में माता की चौकी में भजन गाने लगे धीरे-धीरे और गाने बढ़े।

 पंकज जी ने शुरुआती दौर में मेरे वतन के लोगों को गाया और बहुत लोग उनकी तारीफ करते थे। और उसी में से पहली बार उन्हें अपने जीवन की पहली कमाई ₹1 मिली थी

 जब उन्होंने ऐ मेरे वतन के लोगों गाया पंकज जी के दो भाई हैं दोनों भाई भी काफी टैलेंटेड हैं मनहर और निर्जल उदास
 इनका भी जाना माना नाम है मनहर साहब तो खास तौर पर और इनके फादर ने इनका एडमिशन इसके बाद राजकोट में एक म्यूजिक अकेडमी में करा दिया था।
 वहां पर य सीखे हालांकि फिर बॉलीवुड में नाम कमाना था
 गए तकरीबन तीन-चार साल तक काफी स्ट्रगल किया लेकिन उस स्ट्रगल के बीच में पॉपुलर नहीं मिली और 4 साल संघर्ष करने के बाद जब कोई काम नहीं मिला तो निराश होकर वो चले गए विदेश में हालांकि एक फिल्म मिली थी ।जिस फिल्म में काम मिला बट वो चली नहीं और विदेश में रहने लगे इसके बाद एक गाना जिससे इन्हें पॉपुलर मिली थी वो एक्चुअली गाना नहीं चाहते थे राजेंद्र कुमार जी की फिल्म थी। जिसमें गाना गया और यह था कि गाना गाए कैमियो करें बट इन्होंने मना कर दिया फिर बाद में इनके भाई मनहर से बात हुई

 फिर जब मनहर  भाई साहब ने इनको बताया तब इन्होंने कहा कि ठीक है करते हैं और उसी के बाद यह गाना आया था चिट्ठी आई है और चिट्ठी आई है।
 उस जमाने का सबसे बड़ा हिट सॉन्ग था इतना बड़ा हिट सॉन्ग था कि कहा जाता है कि राज कपूर सा साहब एक बार घर पर डिनर पर बुलाते हैं और पंकज जी गाना गाते हैं चिट्ठी आई है।

 और इस गाने को सुनकर राज कपूर साहब फफक फफक कर रो पड़े थे ।
राज कपूर साहब ने कहा कि इससे बेहतर गायकी नहीं हो सकती कोई भी आदमी इससे बेहतर इस गाने को नहीं गा सकता है।
 जिस तरह से चिट्ठी आई उन्होंने गाया था और वाकई में चिट्ठी आई की लाइने जो हैं वो  एक तो लाइनें बहुत खतरनाक है जैसे 
सुनी हो गई शहर की गलियां कांटे बन गई बा की गलियां कहते हैं सावन के झूले भूल गया 

और बाकी उनकी आवाज उस आवाज ने जो दर्द दिया जो उसे महसूस किया वो अनमैचेबल था ।
और इसी वजह से ये इतने बड़े कलाकार बन गए हालांकि कई किस्से नि कहानी के हैं लाइफ में एक किस्सा है कि 

एक बार पंकज जी को गाना गाना था और कहीं पर गए उर्दू सीखी थी। गए गाना गाने और किसी ने उनसे बड़े गलत तरीके से फरमाइश की पंकज जी ने मना कर दिया
 उस आदमी ने पंकज जी के सर पर बंदूक रख दिया और कहा कि भैया गाओगे या ठोक देंगे पंकज जी ने फिर गाया वो एक शॉकिंग किस्सा उन्होंने खुद सुनाया था ।

उनकी लाइफ में भी लव स्टोरी जो है वो भी बड़ी इंटरेस्टिंग है 1982 में उनकी शादी हुई थी फरीदा जी से और फरीदा जी मुस्लिम थी ।पंकज उदास जो थे वो हिंदू थे। ऐसे में इनकी दोस्ती कॉलेज में हुई पढ़ाई में फिर प्यार की बात आई पंकज जी की फैमिली को दिक्कत नहीं था,  लेकिन जो लड़की थी उनके फादर पुलिस में थे। और बहुत इनकी हालत खराब थी पंकज जी बहुत पापड़ बेले बहुत मुश्किल से कोशिश की कि बात की जाए मैडम ने बात की जैसे तैसे फिर पंकज जी से मुलाकात हुई।

 उस जमाने में 1980 में एक मुस्लिम लड़की का हिंदू लड़के पंकज उदास से शादी करना इतना आसान नहीं था
 लेकिन फिर पंकज जी से जब मुलाकात हुई तो उन्हें रिलाइज हुआ कि शायद बहुत ही खूबसूरत इंसान है
 और उसके बाद इनकी शादी हो गई दो बेटियां हैं नायाब और रेवा
 और नायाब की तरफ से ही उदास फैमिली ने ये बताया है कि 26 फरवरी 2024 को पंकज उदास जी का निधन जो है वो हो गया है 72 साल की उम्र में जाना माना नाम हमारी तरफ से भी ओम शांति रेस्ट इन पीस पंकज जी।

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